Sunday 18 September 2011

A story of longest one man agitation- Master Vijay Singh

सार्वजनिक भ्रष्टाचार के विरूद्ध एवं गरीबों की मदद हेतु
16 वर्ष का सबसे लम्बा गाँधीवादी अंहिसात्मक आन्दोलन
 भ्रष्टाचार के विरूद्ध एवं गरीबों की मदद करने हेतु जनहित में शुरू किये गये आन्दोलन को 15 वर्ष 7 माह पूरे हो चुके है। यह आन्दोलन/सत्याग्रह सबसे लम्बा सत्याग्रह बन गया है जिसे लिमका बुक रिकार्ड्स 2011 में पेज नं0-94 पर दर्ज किया गया है। मेरी माँग है कि गांव की हजारों बीघा सार्वजनिक कृषि भूमि व अन्य सार्वजनिक सम्पत्ति को भूमाफियाओं से मुक्त कराकर गरीबों में बांट दिया जाये या सरकारी नियंत्रण में ले लिया जाये। मेरे द्वारा प्रतिदिन जिलाधिकारी कार्यालय पर भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों को उठाना  व समाचार पत्रों में प्रकाशित कराना तथा शिकायतकर्ताओं/गरीबों की मदद करना मेरी दिनचर्या बन गया है। मेरे जीवन का लक्ष्य भ्रष्टाचार के विरूद्ध संघर्ष करना बन गया है।
मैं 49 वर्षीय मास्टर विजय सिंह एक स्कूल अध्यापक था मैंने एक आदमी को जूस का वेस्ट खाते देखा तथा दूसरी घटना में एक भूखा बच्चा अपनी मां को कह रहा था कि मां किसी से आटा ले आ शाम को तो रोटी बना ले। इन दोनों भूखों की घटनाओं ने मुझे झकझोर कर रख दिया और मेरी जीवन की दिशा ही बदल दी। मैंने अपनी मास्टरी से इस्तीफा देकर अपने गांव चैसाना की 4575 बीघा कृषि भूमि व अन्य लोक सम्पत्ति पर शोध किया तो मैंने पाया कि 4000 बीघा भूमि का घोटाला है जो भूमाफियाओं के गैरकानूनी कब्जे में है। मैंने देश, प्रदेश तथा जिले के समस्त पदाधिकारियों को शिकायत पत्र देकर इस प्रकरण की सीबीआई द्वारा जांच कराने व उक्त सम्पत्ति को मुक्त करा, गरीबों व दलितों में बांटने की माँग की, परन्तु सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की।
 मैंने 26 फरवरी, 1996 को गाँधीवादी अहिंसात्मक ढंग से जनपद मुजफ्फरनगर, उ0प्र0 के जिलाधिकारी कार्यालय कलेक्ट्रेट परिसर में भ्रष्टाचार के विरूद्ध आन्दोलन प्रारम्भ किया। आन्दोलन के पश्चात् आईजी, सीबीसीआईडी, अपर जिलाधिकारी प्रशासन व अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) व अन्य जाँचे हुई जिसमें मेरे आरोपों को सही पाया तथा जिला प्रशासन व सीबीसीआईडी ने 136 मुकद्मे दर्ज कराये तथा डाॅ जे.एन. चैम्बर, पूर्व प्रमुख सचिव गृह, उत्तर प्रदेश के आदेश पर लगभग 300 बीघा जमीन भूमाफियाओं के कब्जे से मुक्त कराई तथा 81,000/- रुपये दण्ड़स्वरूप वसूल कर राजकोष में जमा कराये। अब तक 3200 बीघे कृषि भूमि व अन्य सम्पत्ति पर विभिन्न जाँचों में घोटाला साबित हो चुका है। राजनीतिक दबाव व भ्रष्टाचार के कारण जाँच धीमी गति से जारी है। जाँचों में विरोधाभाष है। यह सार्वजनिक सम्पत्ति पूर्व विधायक के परिवार व अन्य भूमाफियाओं ने भ्रष्ट राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध रूप से हड़पी थी। यह भूमि गाँव के गरीब, दलित, बेरोजगार, भूमिहीनों को आवंटित होनी थी, यदि जाँच होकर उक्त सार्वजनिक भूमि गाँव के गरीबों में बांट दी जाये तो मेरा गांव संसार का एक ऐसा माॅडल गाँव होगा जहाँ पर कोई भूखा, बेरोजगार, गरीब नहीं होगा। इन 16 सालों के दौरान भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से मुझ पर व मेरे परिवार पर तथा मेरे समर्थकों पर अनेक हमले हुए तथा झूठे मुकदमें दर्ज हुए। मेरे एक साथी धीर सिंह हरिजन को पेड़ पर फांसी देकर मार दिया गया, मेरा घर जला दिया गया तथा विभिन्न हथकंडे अपनाकर हमें आतंकित किया गया तथा मैं असुरक्षा और आर्थिक तंगी के कारण अपने 136 मुकद्मों की पैरोकारी नहीं कर पा रहा हूँ। जिला प्रशासन द्वारा गृह सचिव के आदेश के बावजूद मेरी सुरक्षा वापस ले ली गई। मेरी आय का कोई साधन नहीं रहा, आर्थिक स्थिति अत्यन्त खराब है। कुछ साथियों व मीडि़या के सहयोग से मेरा धरना जारी है। भूमाफियाओं ने मुझे आन्दोलन से हटाने के लिए धमकियां, हमले तथा समस्त जमीन का 10 प्रतिशत देने का प्रलोभन दिया, परन्तु मैंने स्वीकार नहीं किया। मैं जिलाधिकारी कार्यालय के बरामदे में 24 घण्टे धरनारत् हूँ। मेरा सौभाग्य है कि मेरा कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। उत्पीड़न व हमलों व झूठे मुकद्मों के कारण मेरा परिवार तथा मेरे साथियों ने मेरा साथ छोड़ दिया। इस भ्रष्टाचार के विरूद्ध आन्दोलन में एक ओर तो धनी राजनीतिक भ्रष्टाचारी व शाक्तिशाली भूमाफिया हैं तो दूसरी ओर मैं एक अदना सा मास्टर विजय सिंह जो गाँधीवादी अंहिसात्मक सिद्धान्तों के साथ इस भ्रष्टाचार विरोधी लड़ाई को लड़ रहा हँू, ताकि लोक सम्पत्ति का जनहित में सदुपयोग हो सके। आगे इस भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन का परिणाम क्या होगा? भविष्य के गर्भ में। विश्व का सबसे लम्बा आन्दोलन 13 वर्ष का है और यह आन्दोलन 15 वर्ष 7 माह पूरा कर, विश्व का भ्रष्टाचार के विरूद्ध सबसे लम्बा आन्दोलन बन चुका है। मैं अन्तिम साँस तक भ्रष्टाचार के विरूद्ध संघर्ष करूँगा।
- मास्टर विजय सिंह
मोबा0-09458249400
email : master.vijay.singh@gmail.com

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